अजरबैजान
अजरबैजान
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 83 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | (हरिहरनाथ सिंह। |
अजरबैजान एक प्रदेश है जिसका कुछ भाग ईरान में और कुछ रूस में है। दोनों भाग एक ही नाम से जाने जाते हैं। ईरान का यह उत्तर-पश्चिमी प्रांत है जिसे रूसी भाग से आरस नदी अलग करती है। यह पठारी प्रदेश है जिसकी ऊँचाई 4,000 फुट से कुछ अधिक और क्षेत्रफल लगभग 30,000 वर्ग मील है। इसकी घाटियां बहुत उपजाऊ हैं और इन्हीं में इस प्रदेश की मुख्य बस्तियाँ पाई जाती हैं। गेहूँ, जौ, कपास, फल तथा तंबाकू यहाँ की मुख्य फसलें हैं और जस्ता, गंधक, ताँबा, मिट्टी का तेल, विभिन्न रंग के संगमरमर इत्यादि खनिज पदार्थ मिलते हैं। इस ईरानी प्रांत में ईरानी, तुर्क, कुर्द, असीरी और अर्मोनी मुख्य जातियाँ हैं। तुर्की भाषा साधारणतया बोली जाती है। यहाँ के निवासी अच्छे सैनिक होते हैं। इस प्रदेश का मुख्य नगर तेब्रिज है। 18,000 फुट ऊँचा ज्वालामुखी पर्वत अराराट इसी प्रदेश में है। इसी प्रदेश में ऊरुमिदा की खारे पानी की झील की द्रोणी (बेसिन) भी है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अजरबैजान में विशेष राजनीतिक उथल-पुथल हुई। सन् 1945 में रूसी सेनाओं ने इस ईरानी प्रदेश पर अधिकार कर लिया था, किंतु बाद में फिर ईरान का अधिकार हो गया। रूसी अजरबैजान आरस नदी के उत्तर तथा आर्मीनिया और जार्जिआ के पूर्व में स्थित है। इसका क्षेत्रफल 87,000 वर्ग कि. मी. है। यहाँ का जनतंत्रीय शासन रूस के जनतंत्र के अधीन है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ