अंगुलीमाल
अंगुलीमाल बौद्ध अनुश्रुतियों के अनुसार एक सहस्र मनुष्यों को मारकर अपना व्रत पूरा करने वाला दस्यु था।
- यह एक ब्राह्मण का पुत्र था, जिसका उल्लेख बौद्ध त्रिपिटक में आता है।
- वह जिसे मारता उसकी अंगुली काटकर माला में पिरो लेता था।
- इसी कारण से उसका नाम अंगुलिमाल पड़ा था। उसका पूर्व नाम अहिंसक था।
- बुद्ध ने उसे धर्मोपदेश दिया, जिससे उसे धर्मचक्षु प्राप्त हो गया।
- अंगुलीमान ने बुद्ध से भिक्षु की दीक्षा ग्रहण की थी।
- क्षीणाश्रव अर्हतों में एक हुआ, ऐसा बौद्ध विश्वास है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ