अमृतयोग

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित १०:३०, ९ दिसम्बर २०१६ का अवतरण ('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
लेख सूचना
अमृतयोग
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 207
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक श्री उमाशंकर पाडेंय

अमृतयोग ज्योतिषशास्त्र का एक योगविशेष। ज्योतिष में वर्णित आनंद आदि 28 योगों में 29 वाँ योग अमृतयोग है। निम्नलिखित स्थितियों में अमृतयोग माना जाता है:

  1. रविवार उत्तराषाढ़ नक्षत्र,
  2. सोमवार शतभिषा नक्षत्र,
  3. भौमवार अश्विनी नक्षत्र,
  4. बुधवार मृगशिरा नक्षत्र,
  5. गुरुवार श्लेषा नक्षत्र,
  6. शुक्रवार हस्त नक्षत्र तथा
  7. शनिवार अनुराधा नक्षत्र।

यह योग अपने नाम के अनुसार अमृतत्व फल देने वाला है अत: इस योग में यात्रा आदि शुभ कार्य श्रेष्ठ माने जाते हैं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ