आंभी
आंभी
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 332 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डॉ. ओंमकारनाथ उपाध्याय |
आंभी 326 ई.पू., सिकंदर का समकालीन और तक्षशिला का राजा। सिकंदर ने जब सिंधुनद पार किया तब आंभी ने अपनी राजधानी तक्षशिला में चाँदी की वस्तुएँ, भेडें और बैल भेंट कर उसका स्वागत किया। चतुर विजेता ने उसके उपहारों को अपने उपहारों के साथ लौटा दिया जिसके फलस्वरूप आंभी ने आगे का देश जीतने के लिए उसे 5,000 अनुपम योद्धा प्रदान किए। आंभी को उदार विजेता ने फिर झेलम और सिंधुनद के द्वाब का शासक नियुक्त किया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ