ईरी

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित १२:००, ५ जनवरी २०१७ का अवतरण
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
लेख सूचना
ईरी
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पृष्ठ संख्या 37
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक श्यामसुंदर शर्मा

ईरी झील, उत्तरी अमरीका की बड़ी झीलों में सबसे दक्षिणा वाली है। इसके उत्तरी किनारे पर कनाड़ा की सीमा, दक्षिण-पूर्व में न्यूयार्क, पेनसिलवेनिया तथा ओहायो, पश्चिम में मिचिगन तथा ओहायो राज्यों की सीमा पड़ती है। इसकी अधिकतम लंबाई उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तक 245 मील, औसत चौड़ाई 50 मील (28 से 58 मील तक) तथा क्षेत्रफल 9600 वर्ग मील है। यह झील समुद्र की सतह से 573 फुट की उँचाई पर तथा ह्यूरन झील की सतह से 8 फुट नीचे है। इसके जल की अधिकतम गहराई 210 फुट, औसत गहराई 100 फुट है। इसमें डिट्रॉयट नदी मिलती है तथा ओंटेरियो झील को छोड़कर अन्य सभी बड़ी झीलों का जल इसमें आता है। इसके सिवाय उत्तर से ग्रैंड नदी, पश्चिम से मॉमी, संडस्की एवं ह्यूरन तथा दक्षिण से कुयाहोगा नदियाँ मिलती हैं। ईरी के जल का निकास नायागरा नदी के द्वारा होता है जो ओंटेरियो झील में गिरती है। ईरो झील बड़ी झीलों में से सबसे छिछली और यातायात के लिए भयावह है क्योंकि नायागरा जलप्रपात दिन प्रति पीछे की ओर हटता जा रहा है।

इस झील का व्यापारिक महत्व नहरों के निकल जाने से बहुत बढ़ गया है, जो पूर्व से पश्चिम जाने का मुख्य साधन हैं। नायागरा जलप्रपात के पास अटलांटिक सागर से सीधे आने में जलप्रपात के कारण जो असुविधा थी उसको वेलंड नहर दूर कर देती है। ईरी के तट पर सुंदर बंदरगाहों में बफैलो, ईरी, क्लीवलैंड, संडस्की तथा टोलेडो प्रमुख हैं, परंतु बड़े जहाजों के लिए उपयुक्त नहीं है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ