ओपोर्टो
ओपोर्टो
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 298 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | विनोदचंद्र मिश्र |
ओपोर्टो पुर्तगाल देश में ड्यूरो नदी के मुहाने से तीन मील ऊपर की ओर बसा हुआ नगर है। ड्यूरो के दक्षिण में बसे हुए इस नगर के भाग को विला नोवा डि गोइया कहा जाता है। वास्तव में यह उत्तरी पुर्तगाल की राजधानी के समान है। व्यापारिक तथा राजनीतिक क्षेत्रों में यह लिस्बन नगर का प्रतिद्वंद्वी समझा जाता है। यहाँ पर तीन मुख्य रेलें मिलती हैं। उत्तरी सीमा से, लिस्बन से, वेलेन्का डु मिन्हो से तथा उत्तर-पूर्व की ओर बर्का दि अल्वा से रेलें आती हैं। मुख्य रूप से ओपोर्टो नगर, ड्यूरो नदी के दाहिनी ओर बसा हुआ है। ओपोर्टो नाम की मदिरा निर्यात करने के कारण यह विशेष रूप से प्रसिद्ध है। जिस अंगूर से मदिरा बनाई जाती है वह ड्यूरो जिले में इसी नदी से 60 मील ऊपर की ओर पेज डु विनहो नामक पर्वतीय प्रदेश में होता है। इस नगर द्वारा मदिरा का निर्यात 1678 ई. से किया जा रहा है। यहाँ की जनसंख्या (1960 ई. में 310.000) का एक तिहाई भाग सूती, ऊनी, रेशमी वस्त्र, चमड़े, तंबाकू, मदिरा, वाति पेय, डिब्बों में रक्षित खाद्यपदार्थ तथा आभूषणों के निर्माण का कार्य करता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ