ओबद्याय
ओबद्याय
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 301 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | कामिल बुल्के |
ओबद्याह बारह गौण नबियों में से एक; उनके उपदेशों का संग्रह विस्तार की दृष्टि से बाइबिल का सबसे छोटा ग्रंथ है। बाबुल के सम्राट् नबूखंदनेज्ज़ार की सेना ने 586 ई. पू. में यहूदियों की राजधानी जेरूसलम का विनाश किया था; इसके बाद एदोम के लोगों ने यहूदिया प्रांत लूटकर उसे अपने अधिकार में कर लिया था। ओबद्याह ने पाँचवीं शताब्दी ई.पू. में एदोम की हार तथा जेरूसलम के पुनर्वास की भविष्यवाणी की थी।
टीका टिप्पणी और संदर्भ