कुल्लूक भट्ट

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित ११:३७, ३ सितम्बर २०११ का अवतरण (Adding category Category:संस्कृत साहित्यकार (Redirect Category:संस्कृत साहित्यकार resolved) (को हटा दिया गया हैं।))
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

कुल्लूक भट्ट (११५०-१३०० ई.)। मनुस्मृति के सुविख्यात टीकाकार। इनका जन्म बंगाल के नंदन ग्राम में एक वारेंद्र ब्राह्मण के घर हुआ था। उनके पिता का नाम दिवाकर भट्ट था।

मनुस्मृति पर इन्होंने जो टीका की है उसका नाम मन्वर्थ मुक्तावली है। मनुस्मृति उन्होंने संक्षेप में किंतु अत्यंत सुबोध भाषा में संदर्भ सहित स्मृति की व्याख्या की है। इसमें उन्होंने अपने किसी वैयक्तिक मत का प्रतिपादन नहीं किया है वरन्‌ मेधातिथि और गोविंदराज के मत के द्वारा ही विवेचना की है।

इस टीका के अतिरिक्त स्मृतिसागर, श्राद्धसागर, विवादसागर और अशौचसागर, उनके अन्य ग्रंथ हैं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ