अजमोद

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित १२:३७, ११ मार्च २०१३ का अवतरण ('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
लेख सूचना
अजमोद
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 82,83
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1973 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक भगवान दास वर्मा ।

अजमोद अजवायन (कैरम कॉप्टिकम) की जाति का एक पौधा है जो तीन फुट तक ऊँचा होता है। इसके पत्ते संयुक्त और प्रत्येक भाग कँगरेदार तथा कटे हुए किनारे वाला होता है। इसमें सफेद रंग के छोटे-छोटे फूल लगते हैं और इन्हीं से दाने मिलते हैं जिन्हें अजमोद कहते हैं। भारतवर्ष में इसका पौधा प्राय सभी प्रदेशों में होता है। बंगाल, बिहार इत्यादि में इसकी खेती की जाती है तथा बीज शीतकाल के प्रारंभ में बोए जाते हैं। इसके बीज तरकारी तथा आहार की अन्य वस्तुओं में मसाले के काम आते हैं। इसकी जड़ तथा बीज दोनों का आयुर्वैदिक औषधि में प्रयोग होता है। दोनों अत्यधिक लार तथा पाचक रस उत्पन्न करने वाले होते हैं और पाचन संबंधी रोगों में लाभकारी हैं। इसके तेल और अर्क में एक ग्लुकोसाइड पदार्थ होता है। अत्यधिक खाने से गर्भ स्रावक हो सकता है, इसलिए गर्भवती तथा दूध पिलाने वाली स्त्रियों के लिए हानिकारक समझा जाता है। अजीर्ण, संग्रहणी, शरीर की पीड़ा इत्यादि को दूर करने में इसका प्रयोग किया जाता है।

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध



टीका टिप्पणी और संदर्भ


[[Category::हिन्दी विश्वकोश]]