ज़ूरिक
ज़ूरिक
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 5 |
पृष्ठ संख्या | 31 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | फूलदेवसहाय वर्मा |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1965 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | राजेंद्रप्रसाद सिंह |
- ज़ूरिक स्विट्सरलैंड के ज़ूरिक उपमंडल की राजधानी तथा इस देश का सर्वप्रमुख औद्योगिक, व्यापारिक, शैल्पिक और बैंकों के व्यापार का नगर है।
- यह स्विट्सरलैंड का सबसे घना और रमणीक नगर है। इसका अधिकांश भाग झील को सुखाकर बनाया गया है।
- प्राचीन भाग अब भी सघन है, लेकिन नए भाग में चौड़ी सड़कें तथा सुंदर भवन हैं।
- लिम्मत नदी इस नगर को दो भागों में बाँटती है, लघु नगर एवं बृहत् नगर। ये दोनों भाग 11 पुलों द्वारा एक दूसरे से संबद्ध हैं। झील के समीप असंख्य बल्ली आवासगृह हैं।
- यहाँ कई प्राचीन भवन दर्शनीय हैं, जिनमें सबसे सुंदर ग्रास मूंस्टर या प्रापस्ती गिरजाघर लिम्मत नदी के दाएँ किनारे पर है। इस गिरजाघर की दीवारों पर 2४ लौकिक धर्मनियम लिखे हैं। इसके समीप ही बालिकाओं का विद्यालय है, जहाँ 12वीं और 13वीं शताब्दी के रोमन वास्तुकला के अवशेष हैं।
- लिम्मत के बाएँ किनारे पर ज़ूरिक का दूसरा बड़ा गिरजाघर फ्राऊ मूस्टर (आब्ती) 12वीं शताब्दी का है। सेंट पीटर गिरजाघर सबसे पुराना है। इनके अतिरिक्त और कई गिरजाघर हैं।
- सेंट्रल पुस्तकालय में 1९1६ ई. में सात लाख पुस्तकें थीं, जहाँ प्रसिद्ध समाजसुधारक तथा उपदेशक ज्विंगली, बुर्लिगर, लेडी जेन और शीलर आदि के पत्र भी सुरक्षित हैं। यहाँ प्राचीन अभिलेखों का भंडार है तथा यहाँ सन् 1८८५ में स्थापित ज्विंगली की प्रतिमा है।
- नवीन भवनों में राष्ट्रीय संग्रहालय सबसे भव्य है, जिसमें स्विट्सरलैंड के सभी कालों एवं कलाओं का अद्भूत संग्रह है।
- ज़ूरिक शिक्षा का प्रसिद्ध केंद्र है। यहाँ विश्वविद्यालय, प्राविधिक संस्थान तथा अन्य विद्यालय हैं।
- यहाँ का वानस्पतिक बाग संसार के प्रसिद्ध वानस्पतिक बागों में से एक है। इस नगर में रेशमी एवं सूती वस्त्र, मशीनों के पुर्जे, मोमबत्ती, साबुन, सुर्ती, छींट का कपड़ा (calico), काग़ज़ तथा चमड़े की वस्तुएँ बनाने के उद्योग हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ