ग्वाम द्वीप

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लेख सूचना
ग्वाम द्वीप
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4
पृष्ठ संख्या 95
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक फूलदेव सहाय वर्मा
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक काशी नाथ सिंह

ग्वाम द्वीप प्रशांत महासागर में स्थित मैरियाना द्वीपसमूह का बृहत्तम तथा सर्वाधिक जनसंख्यावाला द्वीप है। लंबाई ३०- ३२ मील ; चौड़ाई ४-१० मील; क्षेत्रफल लगभग २२५ वर्ग मील। यह द्वीपपुंज के दक्षिणी छोर पर फैला हुआ है।

यह द्वीप ज्वालामुखीय है और लगभग चतुर्दिक्‌ तटीय प्रवालभित्तियों (freefs) से घिरा है। यहाँ भूकंप बहुधा हुआ करता है। इसका धरातल पठारी तथा उबड़ खाबड़ है। उत्तरी भाग अधिकांशत: वनाच्छादित है। पूर्वी छोर पर खड़ी ढाल मिलती है। उत्तर का क्षेत्र समुद्रतल से लगभग ५०० फुट ऊँचा है। दक्षिण में धरातल नीचा[१] किंतु टूटा फूटा तथा पहाड़ी है। इन पहाड़ियों के मध्य में स्थित घाटियाँ कृषि के लिये उपजाऊ है। औसत वार्षिक वर्षा ८०¢ ¢ के लगभग तथा ताप २२° .३१° सें. रहता है। यहाँ मकई, शकरकंद, गन्ना, नारियल, केको (cacao), कहवा, कैसावा (cassava), केला, अनन्नास, रसदार फल तथा आम आदि होते हैं। पशुपालन तथा नायियल से नारिकेल (copra) तैयार करने के उद्योग भी प्रमुख हैं।

अधिकांश निवासी छोटे कस्बों तथा नगरों में रहते हैं। इन नगरों में बैरिगादा जनसंख्या ११,५३२ (१९५०), अपना राजधानी, जनसंख्या १०,००४ (१९४०), सिनाजना (९,१५९), यीगो (९०२६) तथा समे (६१३१) प्रमुख हैं। कुल ग्वाम की लगभग आधी (३०,०००) जनसंख्या आदिवासी है और शेष अमरीकी। महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति के कारण यह द्वीप संयुक्त राज्य अमरीका का प्रमुख हवाई तथा नौसैनिक अड्डा है। इस द्वीप का पता फर्डिनेंड मैगलन ने ६ मार्च, १५८१ ई. को लगाया था। १८५८ ई. में स्पेन ने इसे संयुक्त राज्य अमरीका को दे दिया। द्वितीय महायुद्ध में १९४१ ई. के दिसंबर मास में इसे जापानियों ने अधिकृत कर लिया था, लेकिन १९४४ ई. के अगस्त मास में यह पुन: अमरीका के हाथ में चला आया।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. उच्चतम १, ३३४ फुट