जम्मू
जम्मू
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4 |
पृष्ठ संख्या | 390 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | राम प्रसाद त्रिपाठी |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | जगदीश सिंह |
जम्मू स्थिति : 32° 47' उत्तरी अक्षांश तथा 75° 50' पूर्वी देशांतर। यह भारत में जम्मू-कश्मीर राज्य का एक भाग है। इसके अंतर्गत जम्मू, कठुआ, ऊधमपुर, दोदा तथा पुंछ जिले सम्मिलित है। जम्मू प्रदेश का क्षेत्रफल 11,273 वर्ग मील है। यह पहाड़ी इलाका है। यहाँ जाड़े में ताप 7° सें. से 23° सें. तक रहता है, पर गर्मी में 46° सें. तक पहुँच जाता है। इस प्रदेश में गेहूँ तथा मक्के की खेती होती है। यहाँ खनिज पदार्थ भी थोड़ी मात्रा में मिलते हैं। कोयला जंगलगली तथा कालकोट की खानों से निकलता है जो जम्मू नगर से क्रमश: 40 तथा 75 मील की दूरी पर हैं। जिप्सम की खान जम्मू से 40 मील की दूरी पर है।
जम्मू (नगर)-
यह जम्मू प्रदेश का प्रधान नगर एवं कश्मीर की शीतकालीन राजधानी है। यह चेनाब की सहायक रावी नदी के किनारे बसा है। यहाँ राजपूत राजाओं का गढ़ था। नगर में बिखरे खंडहर इसकी पुरानी समृद्धि के प्रतीक हैं। नगर तथा राजमहल नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। किला बाएँ किनारे पर नदी की धारा से 15 फुट की ऊँचाई पर खड़ा है। जम्मू भारतीय रेलमार्ग के अंतिम स्टेशन पठानकोट से संबद्ध है। नगर में रंग तथा खनिज का राजकीय कारखान है। यहाँ एक औद्योगिकप्रशिक्षण संस्थान भी है। जम्मू में 6 विश्वविद्यालय भी हैं। यहाँ के अधिकांश लोग उद्योग, व्यापार, यातायात तथा अन्यान्य साधनों से अपना जीविकोपार्जन करते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ