गंडभेरुंड

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०६:४८, ६ अगस्त २०१५ का अवतरण (''''गंडभेरुंड''' एक काल्पनिक पक्षी जिसका अंकन भारतीय कल...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

गंडभेरुंड एक काल्पनिक पक्षी जिसका अंकन भारतीय कला में पाया जाता है। इसके एक धड़ गरुड़ के सदृश होता है। यह अपने दोनों चोंच तथा पंजे में हाथी दबोचे अंकित किया जाता है। इसका प्राचीनतम अंकन विजयनगर के आरंभकालिक कतिपय सिक्कों पर पाया जाता है दक्षिण के शैव मंदिरों में उत्सव मूर्तियों के रूप में गंडभेरुंड देखने में आता है। मैसूर रियासत के राजचिन्ह के रूप में इस प्रतीक का प्रयोग हुआ है। इस पक्षी के संबंध में जनश्रुति है कि हिरण्यकश्यप के मारने के पश्चात्‌ भी जब नृसिंह का क्रोध शांत नहीं हुआ तब गंडभेरुंड उन्हें अपने पंजे में दबोच कर आकाश में ले उड़ा था।


टीका टिप्पणी और संदर्भ