महाभारत वन पर्व अध्याय 90 श्लोक 23-34

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०७:१२, १६ अगस्त २०१५ का अवतरण ('==नवतितम (90) अध्‍याय: वन पर्व (तीर्थयात्रा पर्व)== <div style="text-...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

नवतितम (90) अध्‍याय: वन पर्व (तीर्थयात्रा पर्व)

महाभारत: वन पर्व: नवतितम अध्याय: श्लोक 23-34 का हिन्दी अनुवाद

राजन् ! महर्षियों से सेवित जिस महान् पर्वतपर भृगु ने तपस्या की थी, वह भृगुतुंग आश्रम के नाम से विख्यात है। भरतश्रेष्ठ ! भूत, भविष्य वर्तमान जिनका स्वरूप है, जो सर्वशक्तिमान्, सर्वव्यापी, सनातन एवं पुरूषोत्तम नारायण हैं उन अत्यन्त यशस्वी श्रीहरि की पुण्यमयी विशालापुरी बदरीवन के निकट है। वह नर-नारायण का आश्रम कहा गया है वह पुण्यप्रद बदरिकाश्रम तीनों लोकों में विख्यात है। राजन् ! पूर्वकाल से ही विशाला बदरी के समीप गंगा कहीं गर्म जल तथा कहीं शीतल जल प्रवाहित करती हैं। उनकी बालू सुवर्ण की भांति चमकती है। वहां महाभाग एवं महातेजस्वी देवता महर्षि प्रतिदिन जाकर अमित प्रभावशाली भगवान् नारायण को नमस्कार करते हैं। जहां सनातन परमात्मा भगवान् नारायण विराजमान हैं, वहां सम्पूर्ण जगत् है और समस्त तीर्थ तथा देवालय हैं। वह बदरिकाश्रम पुण्यक्षेत्र और परब्रह्मस्वरूप है। वही तीर्थ है, वही तपोवन है, वही सम्पूर्ण भूतों का परमदेव परमेश्वर है। वही सनातन परमधाता एवं परमपद है, जिसे जान लेने पर शास्त्रदर्शी विद्वान् कभी शोक नहीं करते हैं। वहीं देवर्षि सिद्ध और समस्त तपोधन महात्मा निवास करते हैं। यहां महायोगी आदिदेव भगवान् मधुसूदन विराजमान हैं वह स्थान पुण्यों का भी पुण्य है। इस विषय में तुम्हें नहीं होना चाहिये। राजन् ! पृथ्वीपते ! नरश्रेष्ठ ! ये भूमण्डल के पुण्यतीर्थ और आश्रम आदि कहे गये वसु, साध्य, आदित्य, मरूद्रण, अश्विनीकुमार तथा देवोपम महात्मा मुनि इन सब तीर्थों का सेवन करते हैं। कुन्तीनन्दन ! तुम श्रेष्ठ ब्राह्मणों और महान् सौभाग्यशाली भाइयों के साथ इन तीर्थों में विचरते रहोगे तो अर्जुन के लिये तुम्हारे मिलने की उत्कृष्ट इच्छा अर्थात् विरहव्याकुलता शांत हो जायगी।

इस प्रकार श्रीमहाभारत वनपर्व के अन्तर्गत तीर्थयात्रापर्व में धौम्यतीर्थयात्राविषयक नब्बेवां अध्याय पूरा हुआ।


« पीछे आगे »

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

साँचा:सम्पूर्ण महाभारत अभी निर्माणाधीन है।