आवा

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०९:२०, ३१ दिसम्बर २०१६ का अवतरण ('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
लेख सूचना
आवा
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 455
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक डॉ. रधिकानारायण माथुर

आवा ब्रह्मा (बर्मा) राज्य की प्राचीन राजधानी है जो ईरावदी नदी पर सागैंग नगर के संमुख विपरीत किनारे पर स्थित है। इसका प्राचीन नाम यदनपुर, अर्थात्‌ बहुमूल्य पत्थरों का नगर' है। इस नगर की स्थापना ध्वस्त पगान नगर के उत्तराधिकारी नगर के रूप में 1364 ई. में थाडोमिन पाया द्वारा हुई थी। यहाँ निर्मित अनेक धार्मिक भवन पगान स्थित धार्मिक भवनों के ही समान हैं। आवा नगर लगभग चार शताब्दियों तक राजकीय केेंद्र था। इस काल में30 शासकों द्वारा राजसिंहासन सुशोभित हुआ। 1839 ई. के भूकंप में नगर खंडहर हो गया। परिषद्-भवन और राजकीय भवन के कुछ भागों के अवशेष अब भी विद्यमान हैं। अधिकांश धार्मिक भवन (बौद्ध) ध्वस्त अवस्था में हैं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ