आलिव पहाड़ी

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लेख सूचना
आलिव पहाड़ी
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 446
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक श्री काशीनाथ सिंह

आलिव पहाड़ी जेरूसलम नगर के पूर्व में स्थित ऐतिहासिक पहाड़ी है और उस नगर से जेहोशफात की घाटी और किडरोन नदी द्वारा पृथक्‌ है। इस पहाड़ी के शिखर की ऊँचाई समुद्रतल से 2737 फुट है। बाइबिल संबंधी अनेक घटनाओं का स्थल होने के कारण यह पहाड़ी महत्वपूर्ण है। इस पहाड़ी की चार शाखाएं हैं जिनके नाम उत्तर से दक्षिण की ओर क्रमानुसार गैलिली अथवा वारी गैलिली, असंशन की पहाड़ी, प्राफेट्स और आफेंस की पहाड़ी हैं। इन चारों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण असंशन की पहाड़ी है। इसके निचले भाग में गेथसीमेन का उद्यान स्थित था। इस पहाड़ी का उल्लेख बाइबिल के पुराने भाग (ओल्ड टेस्टामेंट) में चार स्थानों पर आया है।[१]

आलिवाल पूर्वी पंजाब के लुधियाना जिले में सतलज नदी के तट पर स्थित एक ऐतिहासिक ग्राम है। प्रथम सिक्खयुद्ध (1935-46) में अंग्रेजों एवं सिक्खों के मध्य यहां भीषण युद्ध हुआ था। यहां खालसा नायक रणजोधसिंह मजीठिया ने 21 जनवरी, 1846 को हेनरी स्मिथ नामक सेनापति को हराया और फिर सतलज पार क्षेत्र में अपनी स्थिति दृढ़ करने लगा। अत: 28 जनवरी को हेनरी स्मिथ ने फिर आक्रमण किया और अंग्रेजी मुंदरी तथा आलिवाल में घमासान युद्ध हुआ। यद्यपि इस बार सिक्खों ने अंग्रेजी फौज के छक्के छुड़ा दिए, तो भी अंत में वे हार गए। इस युद्ध में अंग्रेजों का क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ गया। यह युद्ध सिक्खों का प्रथम स्वातंत््रय युद्ध था।[२]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राधिकनारायण माथुर
  2. श्री काशीनाथ सिंह