आदित्य प्रथम चोड
आदित्य प्रथम चोड
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 368 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | डॉ. ओमकारनाथ उपाध्याय |
आदित्य प्रथम चोड यह चोडराज विजयपाल का पुत्र था जो 875 ई. के लगभग सिंहासनारूढ़ हुआ। 890 ई. के लगभग उसने पल्लवराज अपराजितवर्मन को परास्त कर तोंडमंडलम् का अपने राज्य में मिला लिया और इस प्रकार पल्लवों का अंत हो गया। आदित्य परम शैव था और उसने शिव के अनेक मंदिर बनाए। उसके मरने तक उत्तर में कलहस्ती और मद्रा तथा दक्षिण में कावेरी तक का सारा जनपद चोड़ों के शासन में आ चुका था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ