कैथरीन फ्रांस की महारानी

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लेख सूचना
कैथरीन फ्रांस की महारानी
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3
पृष्ठ संख्या 131
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1976 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक परमश्वेरीलाल गुप्त

कैथरीन फ्रांस की महारानी मूलत: इटालियन, जिसकी बचपन में माता पिता के मर जाने के कारण शिक्षा दीक्षा एक मठ में हई थी। राजनीतिक कारणों से 14 वर्ष की अवस्था में ही 1533 ई. में उसका विवाह आर्लियन के डयूक से हुआ जो पीछे हेनरी द्वितीय के नाम से शासक हुए। जब दस बरस तक उसे कोई संतान नहीं हुई तो राजदरबार में तलाक की चर्चा होने लगी थी पर शीघ्र ही संतानवती होने पर बात दब गई। 1552 ई. में जब हेनरी को मेत्स के युद्ध में जाना पड़ा तो सीमित अधिकारों के साथ वह राज की अभिभाविका बनाई गई और वह अपने बेटे फ्रैंसिस द्वितीय के शासक होने के बाद भी अभिभाविका बनी रही। 1560 में फ्रैंसिस की मृत्यु हो जाने पर अपने द्वितीय पुत्र चार्ल्स नवम की ऊनवयस्कता की अवधि में वह उसकी संरक्षिका (रीजेंट) रहीं और धर्मयुद्ध के बीस बरसों के बीच उसने अपना प्रभुत्व बनाए रखा आरंभ में उसने कैथोलिक और प्रोटेस्टेंटों के बीच हो रहे संघर्ष में अपने को तटस्थ बनाए रखने की चेष्टा की। पर स्वाभाव से कैथोलिक होने तथा शक्तिलिप्सा के कारण उसने प्रोटेस्टेंटों के शक्तिशाली होने से रोकने का प्रयास किया किंतु उन्हें अपने दाँवपेंच को बनाए रखने के लिये कुचला भी नहीं। किंतु उसकी कतरव्योंत की यह नीति सफल न हो सकी और एक के बादएक गृह-युद्ध होते गए। चार्ल्स की मृत्यु के पश्चात्‌ उसका प्रभाव घटता गया। 5 जनवरी, 1589 को उसकी मृत्यु हुई ।


टीका टिप्पणी और संदर्भ