कैथरीन संत

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लेख सूचना
कैथरीन संत
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3
पृष्ठ संख्या 132
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1976 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक कामिल बुल्के

कैथरीन संत रोमन काथलिक संप्रदाय के महिला संतों की उपाधि इस नाम की अब तक आठ महिला संत हुई हैं- सिकंदरिया की संत कैथरीन (चौथी श. ई.)। एक दंतकथा के अनुसार इन्होंने धार्मिक वाद विवाद में सम्राट् मैक्सेंसियस (सन्‌ 303-312 ई.) को निरुत्तर कर दिया था तथा सम्राट् के बुलाए हुए 50 दार्शनिकों को ईसाई धर्म में दीक्षित कर लिया था, जिससे सभी शहीद बन गए। बाद में सम्राट् ने कैथरीन को अनेक प्रकार की यातनाएँ देकर विचलित करने का निष्फल प्रयत्न किया तथर अंत में इनका सिर कटवाया था। मध्यकालीन गिरजे में संत कैथरीन अत्यंत लोकप्रिय थीं तथा उन्हें दर्शन की संरक्षिका माना गया। स्वीडन की संत कैथरीन (सन्‌ 1330-1381 ई.)। सिना की संत कैथरीन (सन्‌ 1347-1380 ई.)। इनका जन्म इटली के सिएसा नामक नगर में हुआ था। 14वीं शताब्दी के धार्मिक इतिहास में इन दोमिनिकी धर्मसंघिनी का अपना विशेष स्थान है। इनका अनुरोध स्वीकारकर रोमन कैथलिक गिरजे के परमाध्यक्ष (पोप) ग्रेगोरी एकादश आविन्यों (Avignon) छोड़ कर रोम लौटे। संत कैथरीन के 180 पत्र सुरक्षित है; इनकी सुप्रसिद्ध रचना का नाम डायलोग (संवाद) है, जिसमें ईश्वरतथा संत कैथरीन के संवाद के रूप में अनन्य भगवभ्‌दक्ति का निरूपण तथा परमात्मा की दयालुता का गुणगान किया है। भाषा के सौंदर्य के कारण संत कैथरीन को प्राय: दांते (Dante) और पेत्रार्क की श्रेणी में रखा जाता है। बोलोन्या की संत कैथरीन (सन्‌ 1413-1463 ई.)। एक फ्रांसिस्की भिक्षुणी जिसकी साधना विषयक एक रचना के बहुत से संस्करण छप चुके हैं। जेनोवा की रहस्यवादिनी संत कैथरीन (सन्‌ 1447-1510 ई.) इनकी रचनावली प्रथम बार सन्‌ 1551 ई. में इनके शिष्यों द्वारा प्रकाशित हुई थी; वास्तव में इन्होंने स्वयं कुछ नहीं लिखा है । रिच्ची की संत कैथरीन (सन्‌ 1522-1580 ई.) फ्लोरेंस की एक दोमिनिकी रहस्यवादिनी । मयोर्का टापू की संत कैथरीन थोमस (सन्‌ 1431-1571 ई.) संत कथरीन लानूरे (सन्‌ 1806-1876 ई.)। इन्होंने बूढ़ों की सेवा सुश्रूषा करते हुए पेरिस के एक अस्पताल में अपना अधिकांश जीवन बिताया।



टीका टिप्पणी और संदर्भ