एकियन लीग
एकियन लीग
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 213 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्रीमति तारा मदन |
एकियन लीग हैलिनिक युग में ग्रीस के 12 नगरों द्वारा बनाया मुख्य राजनीतिक राज्यसंघ। 228 ई.पू. आर्तस ने पूर्णत: प्रजातंत्रीय संघीय संविधान बनाया।
संविधान के अनुसार सब राज्यों को समान अधिकार थे, तथा आंतरिक विषयों में वे पूर्ण स्वतंत्र थे। विदेशी और युद्ध संबंधी बातों में ही उनके अधिकार सीमित थे।
विधायिनी शक्ति संपूर्ण वयस्क (30 वर्ष) जनता की लोकसभा के पास थी तथा 120 प्रतिनिधियों की समिति कार्यक्रम निश्चित करती और सत्र के बीच कार्य करती थी। मुख्य पुरशासक (मैजिस्ट्रेट) की शक्ति स्त्रातेजिया के पास थी। इसके पास नागरीय शक्ति तथा लोकसभा के सम्मुख प्रस्ताव रखने का अधिकार था। दस देमीओर्जोई, जो इसकी अध्यक्षता करते थे, मंत्रिपरिषद् बनाते थे।
योग्य सेना तथा धन के अभाव के कारण 146 ई.पू. तक ग्रीस की स्वतंत्रता की रक्षा करती हुई लीग रोम द्वारा पराजित हुई।
टीका टिप्पणी और संदर्भ