एपर्ने
एपर्ने
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 241 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | लेखराज सिंह |
एपर्ने फ्रांस के मार्ने जिले में एक ऐतिहासिक नगर है जो शालों नगर के उत्तर-पश्चिम में 19 मील की दूरी पर स्थित है। प्राचीन नगर मार्न नदी के बाएँ किनारे पर बसा हुआ था। आधुनिक नगर मार्न के दोनों ओर फैला हुआ है। यह नगर खड़िया मिट्टी द्वारा निर्मित चट्टानों पर बसा हुआ है। इन्हीं चट्टानों की कंदराओं में 'शैंपेन' नामक शराब बनाई जाती है। अत: एपर्ने शैंपेन का बहुत बड़ा गोदाम तथा थोक बाजार है। ऐतिहासिक काल में पाँचवीं से दसवीं शताब्दी तक यह रीम्स के मुख्य पादरी के आधिपत्य में रहा। तत्पश्चात् शैंपेन के काउंट ने इसे अपने कब्जे में कर लिया। शतवर्षीय युद्ध ने इस नगर को बहुत क्षति पहुँचाई। सन् 1644ई. में फ्रांसिस प्रथम ने इसे जलवा दिया। सन् 1642 ई. में बोलोन के डयूक ने यहाँ एक डची की स्थापना की। प्रथम महायुद्ध (सन् 1914-1918 ई.) में एपर्ने की गलियाँ पुन: खून से लाल हुईं ।
टीका टिप्पणी और संदर्भ