चटगॉंव
चटगॉंव
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4 |
पृष्ठ संख्या | 153 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | रामप्रसाद त्रिपाठी |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | कृष्ण मोहन गुप्त |
चटगाँव पूर्वी पाकिस्तान में नगर, जिला तथा मंडल है। मंडल का क्षेत्रफल 16386 वर्ग मील ओर जनसंख्या 1,18,36,000 है। इसमें नोआखाली, चटगाँव, सिलहट, तिपेरा और चटगाँव पहाड़ी क्षेत्र नामक जिले सम्मिलित हैं। चटगाँव जिले का क्षेत्रफल 2,569 वर्ग मील तथा जनसंख्या 23,21,000 है। वास्तव में यह जिला बंगाल की खाड़ी और पहाड़ों के बीच की एक पट्टी है। इसमें कर्णफूली, साँगू और हाल्दा नदियाँ बहती हैं। अधिक वर्षा होने के कारण यहाँ की जलवायु अच्छी और स्वास्थ्यप्रद नहीं है। नदियों से निर्मित मैदानों में धान, तेलहन, तंबाकू, जूट, ईख, ज्वार, बाजरा, पान, पटुआ और तरकारियों की खेती हाती है। यहाँ चाय के पचीसों बगीचे हैं, जिनसे पचासों लख रुपयों की चाय का निर्यात होता है। पहाड़ी भाग में गुर्जन, बाँस और महोगनी के वृक्ष मिलते हैं। यहाँ पर कोयले की कुछ खानें भी हैं। जंगलों में हाथी, चीता, तेंदुआ और हरिण आदि जानवर मिलते हैं।
चटगाँव नगर- कर्णफूली नदी के दाहिने किनारे पर ढाका से 120 मील दक्षिण-पूर्व में स्थित है। नदी के मुहाने से आठ मील उत्तर-उत्तर-पूर्व इस नगर की जनसंख्या 2,69,000 तथा क्षेत्रफल नौ वर्ग मील है। 20° 24' उ.अ. और 91° 50' पू.दे. पर स्थित यह रेलवे का अंतिम जंक्शन है और पूर्वी पाकिस्तान में स्थान है। मुगल लोग इसे 'इस्लामाबाद' और पुर्त्तगाली 'पोर्ट ग्रैंडे' कहते थे। यहाँ पर रासायनिक पदार्थ, वस्त्र, साबुन, ईटं, बरफ और मोमबत्ती बनाने के कारखाने हैं। बिजली के सामान बनाने और बिनौला निकालने का काम भी यहाँ होता है। यहाँ से चावल, चाय, जूट, कपास, खाल और तंबाकू बाहर भेजते हैं। इसके समीप हिंदुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थान सीताकुंड (1,155 फुट ऊँचा) है। इसके अतिरिक्त यहाँ बौद्ध युग के खंडहर भी हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ