वित्ररथ

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित १२:०७, २२ फ़रवरी २०१७ का अवतरण ('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
लेख सूचना
वित्ररथ
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 4
पृष्ठ संख्या 222
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक रामप्रसाद त्रिपाठी
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक भोलानाथ तिवारी

चित्ररथ भारतीय पुराणों में चित्ररथ नाम के कई व्यक्ति मिलते हैं : (1) राजा द्रुपट के एक पुत्र। (2) अंगदेश के राजा जो धर्मरथ के पुत्र थे। (3) राजा दशरथ के एक मित्र, जिनका एक अन्य नाम 'रोमपाद' था। ये नि:संतान थे। इनकी नि:संतानता दूर करने के लिये

दशरथ ने अपनी कन्या शांता इन्हे दत्तका रूप में दे दी थी, जिसका विवाह इन्होंने शृंगीऋषि से किया। इसके बाद ऋषियों के परामर्श से इन्होंने पुत्रेष्ठि यज्ञ किया, जिसके परिणाम स्वरूप इन्हे चतुरंग नामक पुत्र उत्पन्न हुआ।



टीका टिप्पणी और संदर्भ