क्वार्टज
क्वार्टज
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |
पृष्ठ संख्या | 256 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1976 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | निरंकार सिहं |
क्वार्टज एक प्रकार का प्राकृतिक खनिज जो साधारणतया एक अक्षीय, रंगहीन, पारदर्शी और कठोर होता है। यह दो प्रकार का होता है- वामघूर्णक यौर दक्षिणघूर्णम। ध्रुवणकारी प्रिज्मों के निर्माण में इसका उपयोग किया जाता है।
क्वार्टज कभी कभी विदलन भी प्रदर्शित करता है तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के अतिरिक्त अन्य सब अम्लों में अविलेय होता है। क्वार्टज शुद्ध होने पर ही रंगहीन रहता है। प्राय: यह अंतर्वेशों की प्रकृति के अनुसार लाल, नारंगी, पीले, हरे, बैगनी तथा काले रंगों में पाया जाता है। गर्म करने पर इसके बहुत से रंग अदृश्य हो जाते है। क्वार्टज के एक खनिज स्फटिक, शैल क्रिस्टल में दाब विद्युत गुण होते है।[१]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ विशेष द्र. रत्न