फैंसिस क्वाल्र्ज

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित ११:२०, २८ फ़रवरी २०१७ का अवतरण ('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
लेख सूचना
फैंसिस क्वाल्र्ज
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3
पृष्ठ संख्या 256
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1976 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक परमेश्वरीलाल गुप्त

फैंसिस क्वार्ल्ज (1592 -1644) अंगरेज कवि। 8 मई, 1592 ई. के रॉमफोर्ड (एसेक्स) में जन्म। कैंब्रिज से ग्रेज्युएट होकर लंदन में कानून का अध्ययन किया। पश्चात्‌ जर्मनी चला गया। वहाँ सात वर्ष रहने के पश्चात्‌ 1620 में लंदन वापस आया और अपनी आरंभकालिक रचनाओं को प्रकाशित कराया। जिनमें अधिकांश वीरकाव्य में प्रयुक्त होनेवाले छंदो में बाइबिकल का रूपांतर था। इनमें ‘आर्गलुस ऐंड पार्थेमिया’ (1629) और ‘डिवाइन फैंसीज’ (1632) मुख्य हैं। इनसे उसे इतनी ख्याति प्राप्त हुई कि आर्माध के आर्कविशप जेम्स उश्शर से उसे अपना निजी सचिव बना लिया। 1635 में उसकी रचना ‘इंब्लेम्स’ प्रकाशित हुई जिसने तत्काल अद्भुत लोकप्रियता प्राप्त की। 1639 में वह लंदन नगर का वृत्तलेखक नियुक्त हुआ और मृत्यु पर्यंत उस पद पर रहा।

‘इंब्लेम्स’ के अतिरिक्त गद्य और पद्य में उसकी बहुत सी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं। 8 सितंबर, 1644 को उसकी मृत्यु हुई।

टीका टिप्पणी और संदर्भ