खदीजा

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लेख सूचना
खदीजा
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3
पृष्ठ संख्या 291
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1976 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक सैयद अतहर अब्बास रिज़वी

खदीजा हजरत मुहम्मद की पहली पत्नी, जो उनसे विवाह के समय विधवा हो चुकी थी। इससे पूर्व उसके दो विवाह हुए थे। वे कुरैश वंश के ख्वेलिद की पुत्री तथा अत्यधिक धनी थीं। जब मक्कावालों के काफिले व्यापार हेतु रवाना होते तो अकेले उनकी धन संपत्ति ही समस्त कुरैश की धन संपत्ति के बराबर होती। 25 वर्ष की अवस्था में हजरत मुहम्मद ने व्यापार में अपनी ईमानदारी तथा कार्य कुशलता से अपना सिक्का जमा लिया था, अत: खदीजा ने अपनी व्यापारिक धन संपत्ति हजरत मुहम्मद को इस आशय से सौंप दी कि वे उसे लेकर शाम व्यापार हेतु जायँ। इस यात्रा से लौटने के लगभग तीन मास बाद खदीजा से उनका विवाह हो गया। उस समय खदीजा की अवस्था 40 वर्ष की थी और मुहम्मद साहब 25 वर्ष के थे। विवाह के उपरांत वे 25 वर्ष तक और जीवित रहीं। इस बीच हजरत मुहम्मद ने कोई दूसरा विवाह नहीं किया। खदीजा की मृत्यु के उपरांत भी वे सर्वदा उन्हें याद किया करते थे। इसपर उनकी एक अन्य प्रिय पत्नी आयशा ईर्ष्या भी करती थीं किंतु हजरत मुहम्मद ने खदीजा की प्रशंसा करने में कभी भी संकोच नहीं किया।

जब हजरत मुहम्मद 40 वर्ष के हुए तो मक्के से तीन मील पर स्थित हिरा नामक एक गुफा में ध्यान एवं मनन के समय उन्हें यह आभास हुआ कि कोई फिरिश्ता ईश्वर का संदेश पहुँचा रहा है। वे अत्यधिक भयभीत हुए किंतु खदीजा ने उन्हें सांत्वना दी और हजरत मुहम्मद अपने पथ पर शांतिपूर्वक दृढ़ हो गए। स्रियों में सर्वप्रथम उन्हीें ने हजरत मुहम्मद को रसूल माना और उनकी बराबर सहायता करती रही। उनके प्रभाव के कारण जब तक वे जीवित रहीं, हजरत मुहम्मद को मक्के में अधिक कष्टों का सामना नहीं करना पड़ा और वे 10 वर्ष तक हजरत मुहम्मद की, उनके रसूल होने के बाद तक, उनकी सहायता करती रही। किंतु 619 ई. में 65 वर्ष की अवस्था में उनका निधन हो गया और तीन वर्ष उपरांत हजरत मुहम्मद को भी विवश होकर मक्का छोड़ना पड़ा। खदीजा, से हजरत मुहम्मद को जो संतान हुई उसके विषय में बड़ा मतभेद है, किंतु उनकी पुत्री फातिमा, जिनका हजरत अली से विवाह हुआ, बड़ी यशस्विनी थीं।

टीका टिप्पणी और संदर्भ