खसर्पण

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लेख सूचना
खसर्पण
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3
पृष्ठ संख्या 308
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1976 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक परमेश्वरीलाल गुप्त

खसर्पण बोधिसत्व अवलोकितेश्वर के अनेक रूपों में से एक रूप। इनका अभिज्ञान चिह्न कमल है और तारा, सुघन कुमार, भ्रकुटी तथा हयग्रीव इनके सहचर माने गए हैं। तिब्बत के बौद्धों के बीच यह देवता काफी लोकप्रिय रहे हैं। उनकी अनेक मूर्तियाँ तिब्बत और नैपाल से प्राप्त हुई हैं। बंगाल की पाल कालीन मूर्तियाँ भी प्राप्त होती हैं।



टीका टिप्पणी और संदर्भ