अंगुलीमाल

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०७:५२, १८ मई २०१८ का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

अंगुलीमाल बौद्ध अनुश्रुतियों के अनुसार एक सहस्र मनुष्यों को मारकर अपना व्रत पूरा करने वाला दस्यु था।

  • यह एक ब्राह्मण का पुत्र था, जिसका उल्लेख बौद्ध त्रिपिटक में आता है।
  • वह जिसे मारता उसकी अंगुली काटकर माला में पिरो लेता था।
  • इसी कारण से उसका नाम अंगुलिमाल पड़ा था। उसका पूर्व नाम अहिंसक था।
  • बुद्ध ने उसे धर्मोपदेश दिया, जिससे उसे धर्मचक्षु प्राप्त हो गया।
  • अंगुलीमान ने बुद्ध से भिक्षु की दीक्षा ग्रहण की थी।
  • क्षीणाश्रव अर्हतों में एक हुआ, ऐसा बौद्ध विश्वास है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ