अद्दहमाण
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अद्दहमाण
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 97 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1973 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | कैलाश चंद्र शर्मा। |
अद्दहमाण (अब्दुल रहमान) ने संदेश रासक नामक प्रसिद्ध काव्य की रचना की है। इनकी जन्मतिथि का अभी तक अंतिम रूप से निर्णय नहीं हो सका है। किंतु संदेश रासक के अंतसाक्ष्य के आधार पर मुनि जिनविजय ने कवि अब्दुल रहमान को अमीर खुसरो से पूर्ववर्ती सिद्ध किया है और इनका जन्म 12वीं सताब्दी में माना है।
साहित्य के एक अन्य इतिहासकार केशवराम, काशीराम शास्त्री (कविचरित, भाग 1, पू. 16-17) के अनुसार अब्दुल रहमान का जन्म 15वीं शताब्दी में हुआ। पर शास्त्री जी ने अपने मत की पुष्टि में कोई साक्ष्य नहीं दिया है। संदेश रासक के छंद संख्या तीन और चार के आधार पर इतना अवश्य कहा जा सकता है कि भारत के पश्चिम भाग में स्थित म्लेच्छ देश के अंतर्गत मीरहुसेन के पुत्र के रूप में अब्दुल रहमान का जन्म हुआ जो प्राकृत काव्य में निपुण था। केशवराम काशीराम शास्त्री का अनुमान है कि पश्चिम में भरुच के पास चैमूर नगर था जहाँ मुसलमानों का राज्य स्थापित होने पर अब्दुल रहमान के पूर्वज ने किसी हिंदू बालिका से विवाह कर लिया और उसी वंश में अब्दुल रहमान उत्पन्न हुआ जिसने प्राकृत एवं अपभ्रंश का अध्ययन किया और अपने ग्रंथ की रचना ग्राम्य अपभ्रंश में की। अब्दुल रहमान की केवल एक ही कृति है-संदेश रासक, और इसकी हस्तलिखित प्रति पाटण के जैन भांडार में मिली है। अत समझा जाता है कि कवि, किन्हीं कारणों से, पाटण में आ बसा होगा और हिंदुओं तथा जैनों के संपर्क में रहने के कारण उसने संस्कृत-प्राकृत-अपभ्रंश सीख ली होगी। इससे अधिक अब्दुल रहमान के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ