एलडोरेडो

अद्‌भुत भारत की खोज
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लेख सूचना
एलडोरेडो
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पृष्ठ संख्या 249
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक श्यामसुंदर शर्मा

एलडोरेडो अमरीका के स्पेनिश विजेताओं की कल्पना में इस नगर की स्थिति थी। वे सोने के बड़े ही लालची थे। उनसे पिंड छुड़ाने के विचार से मध्य अमरीका के आदिवासी लोग उन्हें इस काल्पनिक नगर का खूब बढ़ा चढ़ाकर वृत्तांत देते थे और बराबर कहते थे कि वह स्वर्णपुरी है। स्पेन के लोग भी मेक्सिको और पेरू की संपत्ति से और भी अधिक की कामना करते थे। सन्‌ 1540-41 ई. में ओरेलाना नामक मनुष्य की इसे खोज निकालने की विकट यात्रा के उपरांत इसकी स्थिति ओरिनिको नदी के उद्गम के पास बताई जाने लगी। इसकी खोज में कितने ही बहादुर व्यक्ति स्वयं खो गए और कितनी ही सेना की टुकड़ियाँ छिन्न भिन्न और पस्त होकर लौटीं। बाद में मानाओं नगर को एलडोरेडो मानकर कई प्रकार की कविकल्पनाएँ होने लगीं। यह कथा भी चल गई कि वहाँ का राजा नित्य शरीर पर स्वर्णधूलि का लेप करता था और प्रतिवर्ष पवित्र सरोवर में निमज्जन कर शरीर पोंछता था। सर वाल्टर रैले ने भी इसे खोज निकालने की व्यर्थ चेष्टा की थी। आजकल संयुक्त राज्य अमरीका में इस नाम के निम्नलिखित तीन शहर हैं : (1) दक्षिणी आरकैंसास, (2) इलिनॉय, (3) दक्षिणी पूर्वी कनज़ैस राज्य में।


टीका टिप्पणी और संदर्भ