करनाल
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करनाल
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 414 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पांडेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1975 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | सुरेन्द्रप्रताप सिंह |
- करनाल नगर हरियाणा के इसी नाम के जिले के शासन का मुख्यालय है।
- यह २९रू ४२फ़ १७फ़फ़ उ.अ. तथा ७७रू १फ़ ४५फ़फ़ पू.दे. पर स्थित है।
- यह नगर यमुना नदी के प्राचीन किनारे के ऊँचे भाग पर स्थित है।
- पहले नदी इसके समीप बहती थी, किंतु अब यहाँ से सात मील पूर्व हटकर बहती है।
- १२ फुट ऊँचे परकोटे सेयह नगर घिरा हुआ है।
- इस नगर के समीप से ही पश्चिमी यमुना नहर जाती है जो गंदे पानी के निकास में अवरोध उत्पन्न करती है।
- इसी कारण यह नगर मलेरिया का घर बना रहता है।
- दंतकथा के अनुसार इस नगर को महाभारत के राजा कर्ण ने बसाया था।
- यहीं पर नादिरशाह ने मुगल बादशाह मुहम्मदशाह को हराया था।
- इसके बाद यह क्रमश: जिंद के राजाओं, मरहठों और लदवा के सिक्ख राज गुरुदत्तसिंह के अधिकार में रहा।
- १८०५ ई. में अंग्रेजों ने इसपर अपना अधिकार कर लिया।
- इसका विशाल किला बहुत समय तक अंग्रेजों के अधिकार में रहा और क्रमानुसार कारागार, सैनिकों का निवासस्थान, दरिद्रालय और जिला विद्यालय के कार्य में आता रहा।
- नगर की सड़कें अधिकांशत: पक्की, परंतु टेढ़ी-मेढ़ी और सँकरी हैं।
- यहाँ देशी कपड़ा बनता है जो यहीं पर प्रयोग में आ जाता है।
- कंबल और जूते बाहर भेजे जाते हैं।
- कंबल व्यवसाय में अधिक लोग लगे हुए हैं।
- यह नगर दिल्ली तथा अंबाला से विशेष संबंधित है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ