"अगेसिलास द्वितीय" के अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
छो (श्रेणी:हिन्दीविश्व्कोश; Adding category Category:हिन्दी विश्वकोश (को हटा दिया गया हैं।))
 
पंक्ति १: पंक्ति १:
 
+
{{भारतकोश पर बने लेख}}
 
{{लेख सूचना
 
{{लेख सूचना
 
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
 
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1

०७:०८, २० मई २०१८ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
लेख सूचना
अगेसिलास द्वितीय
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 73
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1973 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक औंकारनाथ उपाद्याय।

अगेसिलास द्वितीय स्पार्ता का राजा। यह यूरिपोंतिद परिवार का, आर्किदामस्‌ का पुत्र और अगीस का सौतेला भाई था। अगीस को औरस संतान न होने से 401 ई. पू. में यह गद्दी पर बैठा। इसका जीवन यूनानी राज्यों और फारस के साथ युद्ध में बीता। 396 ई. पू. में इसने पारसीक आक्रमण के विरुद्ध 8,000 सम्मिलित सेना का नेतृत्व किया। फ्रीगिया और लीदिया पर उसने हमले किए, पर इसी बीच गृहयुद्ध की सूचना पा वह वापस लौटा। जलयुद्ध में पारसीकों से उसकी हार हुई पर कोरिथ का युद्ध जीतकर वह स्पार्ता लौट गया। ई. पू. 386 को संधि के बाद बोएतिया पर उसने आक्रमण किया, पर हार गया। ई. पू. 361 में मित्र के विद्रोही क्षत्रप की फारस के विरुद्ध उसने सहायता की। वहाँ से लौटते समय ८४ वर्ष की अवस्था में मार्ग में ही उसकी मृत्यु हो गई।

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध




टीका टिप्पणी और संदर्भ