अरिकेसरी मारवर्मन

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०८:४८, १ जून २०१८ का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
लेख सूचना
अरिकेसरी मारवर्मन
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 234
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक श्री ओंमकारनाथ उपाध्याय

अरिकेसरी मारवर्मन्‌ मदुरा के पांड्यों की शक्ति प्रतिष्ठित करने वाले प्रारंभिक राजाओं में प्रधान। लगभग 7वीं सदी ई. के मध्य हुआ। उसकी ख्याति पांड्य अनुश्रुतियों में पर्याप्त है और उनका नेडुमरन्‌ अथवा कुन पांड्य संभवत: वही है। पहले वह जैन था पर बाद में संत तिरुज्ञानसंबंदर के उपदेश से परम शैव हो गया। उसके शासनकाल में पांड्यों का पर्याप्त उत्कर्ष हुआ।




टीका टिप्पणी और संदर्भ