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आयोडोफार्म
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |
पृष्ठ संख्या | 420 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्री निरंकार सिंह |
आयोडोफार्म एक रासायनिक यौगिक है, इसके चमकदार पीले पत्राकार रवे (क्रिस्टल) होते हैं। इसमें विचित्र गंध होती है। यह पानी में कम घुलता है लेकिन ऐल्कोहल और ईथर में घुल जाता है। ऐल्कोहल या एसीटोन में थोड़ा सा आयोडीन और क्षार डालकर यह बनाया जा सकता है। इसका रासायनिक सूत्र CHI3 है। आयोडोफार्म का उपयोग चिकित्सा में कीटाणुनाशक गुणों के कारण घाव पर लगाने में होता था। लेकिन इसमें दुर्गंध होने के कारण अब इसके स्थान पर अन्य औषधियों का प्रयोग होने लगा है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ