"आयोडोफार्म" के अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति १: पंक्ति १:
 +
{{भारतकोश पर बने लेख}}
 
{{लेख सूचना
 
{{लेख सूचना
 
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
 
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1

०७:२१, १५ जून २०१८ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
लेख सूचना
आयोडोफार्म
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
पृष्ठ संख्या 420
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक श्री निरंकार सिंह

आयोडोफार्म एक रासायनिक यौगिक है, इसके चमकदार पीले पत्राकार रवे (क्रिस्टल) होते हैं। इसमें विचित्र गंध होती है। यह पानी में कम घुलता है लेकिन ऐल्कोहल और ईथर में घुल जाता है। ऐल्कोहल या एसीटोन में थोड़ा सा आयोडीन और क्षार डालकर यह बनाया जा सकता है। इसका रासायनिक सूत्र CHI3 है। आयोडोफार्म का उपयोग चिकित्सा में कीटाणुनाशक गुणों के कारण घाव पर लगाने में होता था। लेकिन इसमें दुर्गंध होने के कारण अब इसके स्थान पर अन्य औषधियों का प्रयोग होने लगा है।



टीका टिप्पणी और संदर्भ