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ईनियस ताक्तिकस
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 29 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | स्वरगीय भोलानाथ शर्मा |
ईनियस ताक्तिकस संभवत: स्तींफालस का निवासी जो ई.पू. 367 में आर्कादी संघ का सेनापति था। इसने युद्ध विद्या के संबंध में अनके ग्रंथों की रचना की थी जिनका सारसंग्रह पिर्हस ने किया था। दुर्गरक्षा संबंधी इसकी रचना नष्ट होने से बच गई हैं। इस ग्रंथ से पता चलता है कि उन दिनों दुर्ग की रक्षा, बाह्य शत्रुओं की अपेक्षा आंतरिक विरोधी गुटों से की जानी अधिक आवश्यक थी। भाषा की दृष्टि से भी इस अवशिष्ट रचना का इसलिए महत्व है कि इसमें अत्तिका की भाषा से बाहर की यूनानी भाषा का स्वरूप देखने को मिलता है जिससे पश्चात्कालीन जनसामान्य की भाषा के तत्वों का कुछ पता चलता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ