उच्छिष्ट गणपति
Bharatkhoj (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित १२:२६, ३० जून २०१८ का अवतरण
चित्र:Tranfer-icon.png | यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
उच्छिष्ट गणपति
| |
पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 55 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | कैलासचंद्र शर्मा |
उच्छिष्ट गणपति या उच्छिष्ट गणेश तंत्रोक्त गणेश का एक रूप। जूठे मुँह रहनेवाले लोग इनकी पूजा करते हैं। हेरंब संप्रदाय में उच्छिष्ट को शुद्ध गणपति के विरोध में परिगणित किया जाता है और इन्हें मानेवाले लोगों के मत में स्त्री और पुरुष उभय होते हैं। उनके संयोग वियोग में पाप नहीं लगता।
टीका टिप्पणी और संदर्भ