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०८:०८, ६ जुलाई २०१८ के समय का अवतरण

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लेख सूचना
उपदेशवाद
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पृष्ठ संख्या 116
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक कैलासचंद्र शर्मा

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उपदेशवाद अंग्रेजी के 'डाइडैक्टिसिज़्म' का हिंदी रूपांतरण। साहित्य के माध्यम से उपदेश देने की प्रवृत्ति को उपदेशवाद की संज्ञा दी गई है। अंग्रेजी में इससे संबद्ध पर्याप्त साहित्य मिलता है, लेकिन हिंदी के नीतिकाव्य को इस वर्ग में अंतर्भुक्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसमें उपदेश की प्रवृत्ति अधिक गहरी तथा अधिकांशत: सांप्रदायिक हो गई है। देखा जाए तो उपदेशवाद एक व्यापक साहित्यिक प्रवृत्ति है और संसार की प्रत्येक भाषा के साहित्य में किसी न किसी अंध में इसे खोजा जा सकता है। लेकिन शुद्ध कलात्मक स्तर पर इसे उचित नहीं माना जाता।

टीका टिप्पणी और संदर्भ