एमडन
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एमडन
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 244 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | श्यामसुंदर शर्मा |
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एमडन पश्चिमी जर्मनी में एम्स नदी के मुहाने पर एक नगर तथा पत्तन है। जहाजों के लंगर डालकर ठहरने का यहाँ अत्यंत सुंदर अड्डा है तथा यहाँ का पत्तन, जिसमें बड़े बड़े जलयान आ जा सकते हैं, इससे एक नहर द्वारा संबंधित है। प्राचीन स्थापत्य कला तथा बाँधों के कारण, जो नगर को जलमग्न होने से बचाते हैं, यह एक डच नगर प्रतीत होता है। 16वीं शताब्दी का बना हुआ नगरभवन (टाउनहाल) जर्मनी के सबसे सुंदर सार्वजनिक भवनों में से एक है, जिसमें प्राचीन हाथियारों का दर्शनीय संग्रह है। अविभाजित जर्मनी के पत्तनों में इसका पाँचवाँ स्थान था। अब पश्चिमी जर्मनी में तीसरा स्थान है। यहाँ की मुख्य व्यापारिक वस्तुओं में कृषि के उत्पादन, घोड़े, लकड़ी, कोयला, चाय तथा मदिरा हैं। गहरे समुद्र में मछली पकड़ना नगर का मुख्य धंधा है। मशीनें, सीमेंट, तार के रस्से, तंबाकू, चमड़ा, रासायनिक द्रव्य इत्यादि यहाँ के मुख्य औद्यौगिक उत्पादन हैं। द्वितीय महायुद्ध में यहाँ का पत्तन, तेलशोधक कारखाने इत्यादि अत्यधिक क्षतिग्रस्त कर दिए गए थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ