"एलिय्याह" के अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति १: पंक्ति १:
 +
{{भारतकोश पर बने लेख}}
 
{{लेख सूचना
 
{{लेख सूचना
 
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
 
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2

१०:०३, १७ जुलाई २०१८ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
लेख सूचना
एलिय्याह
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पृष्ठ संख्या 252
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक कामिल बुल्के

एलिय्याह (60 ई. पू.)। बाइबिल के मुख्य नबियों में से एक। अहाबराजा ने व्यभिचारिणी तथा मूर्तिपूजा करनेवाली इज़ेबेल के साथ विवाह किया था; एलिय्याह ने यहूदी एकेश्वरवादी धर्म की रक्षा के लिए निर्भीकतापूर्वक अहाब का विरोध किया। वह प्राय: मरुभूमि में रहकर घोर तपस्या करते हुए अपने समय की पतनोन्मुख सभ्यता को चुनौती देते थे। उनका रहस्यात्मक ढंग से स्वर्गवास हुआ था और यहूदियों का विश्वास था कि एलिय्याह मसीह का मार्ग तैयार करने के लिए फिर प्रकट होनेवाले थे। बाइबिल में योहन बपतिस्ता ही एलिय्याह के स्थान पर मसीह के अग्रदूत हैं किंतु ईसा के दिव्य रूपांतरण के अवसर पर एलिय्याह और मूसा दोनों की उपस्थिति का उल्लेख हुआ है। एलिय्याह यहूदियों में शताब्दियों तक अत्यंत लोकप्रिय रहे तथा बाइबिल की रचना के बाद भी उनके यहाँ एलिय्याह के विषय में अद्भूत दंतकथाओं का प्रचलन रहा।


टीका टिप्पणी और संदर्भ