एलेक्ट्रा मनोग्रंथि

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लेख सूचना
एलेक्ट्रा मनोग्रंथि
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पृष्ठ संख्या 253
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पाण्डेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1964 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक कैलासचंद्र शर्मा

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एलेक्ट्रा मनोग्रंथि पिता पुत्री के बीच यौनाकर्षण संबंधी मनोविश्लेषणवादियों की एक धारणा। इसके अनुसार जैसे पुत्र स्वभावत: माँ की ओर आकर्षित होता है (द्र 'ईदिपस मनोग्रंथि) वैसे ही पुत्री का पिता की ओर संवेगात्मक तथा कामुक प्रकार का आकर्षण रहता है। फ्रायड ने सर्वप्रथम ग्रीक मिथक 'ईदिपस' के आधार पर ईदिपस मनोग्रंथि तथा एलेक्ट्रा मनोग्रंथि की परिकल्पना प्रस्तुत की थी और बताया था कि जिस लड़की का पिता की ओर कामात्मक रुख अथवा रुझान होता है, वह निश्चित ही एलेक्ट्रा मनोग्रंथि से पीड़ित रहती है। ऐसी लड़की का वैवाहिक जीवन या तो पूरी तरह असफल हो जाता है अथवा दु:खपूर्ण रहता है क्योंकि अवचेतन मन से अपने पति में पिता के गुण, लक्षण आदि खोजती है और उनके न मिलने पर हताश हो जाती है। परंतु जैविकी तथा कायिकी संबंधी आधुनिक अनुसंधानों से फ्ऱायड की उक्त परिकल्पना को सिद्ध नहीं किया जा सता है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ