एल्बुर्ज
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एल्बुर्ज
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पुस्तक नाम | हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2 |
पृष्ठ संख्या | 255 |
भाषा | हिन्दी देवनागरी |
संपादक | सुधाकर पाण्डेय |
प्रकाशक | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
मुद्रक | नागरी मुद्रण वाराणसी |
संस्करण | सन् 1964 ईसवी |
उपलब्ध | भारतडिस्कवरी पुस्तकालय |
कॉपीराइट सूचना | नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी |
लेख सम्पादक | नवलकिशोर प्रसाद सिंह |
एल्बुर्ज अथवा एलब्रुज कैस्पियन सागर को फारस के उच्च प्रदेश से अलग करनेवाली एक पर्वतमाल है। यह कैस्पियन सागर के पश्चिमी तट से लेकर उत्तर-पूर्वी खुरासान तक 650 मील की लंबाई में फैली हुई है। प्रमुख श्रेणियों की दृष्टि से इसको तीन खंडों में विभाजित किया जा सकता है : प्रथम 120 मील लंबा प्राय: उत्तर-दक्षिण; द्वितीय 240 मील लंबा तथा दिशा में उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व; तथा तृतीय 290 मील लंबा दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर।
एल्बुर्ज की उत्तरी ढाल तथा तराई (एल्बुर्ज एवं कैस्पियन के मध्य) में गिलन मजंदरन तथा अस्त्रावाद प्रांत सम्मिलित हैं। यह प्रदेश घने जंगलों से आच्छादित तथा सैकड़ों अविरल बहनेवाली नदियों से भरा है। एल्बुर्ज के उच्च शिखर प्राय: वर्ष भर हिमाच्छादित रहते हैं, जिसमें मुख्यत: कोयला, सीसा तथा लोहा है।
एल्बुर्ज काकेशस पर्वत के उच्चतम शिखर (18522 फुट) का नाम है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ