"कंपाना दी रोमा" के अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
छो (Text replace - "३" to "3")
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के २ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति १: पंक्ति १:
 +
{{भारतकोश पर बने लेख}}
 
{{लेख सूचना
 
{{लेख सूचना
 
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
 
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पंक्ति २२: पंक्ति २३:
 
|अद्यतन सूचना=
 
|अद्यतन सूचना=
 
}}
 
}}
कंपाना दी रोमा इटली के रोम नगर का समीपवर्ती क्षेत्र। यह क्षेत्रफल में लगभग ८०० वर्ग मील है। रोम नगर की स्थिति इसके लगभग मध्य में है। इस क्षेत्र की सीमाएँ पूर्णत: निर्धारित नहीं की जा सकी हैं। वर्तमान मानचित्र रचयिताओं के अनुसार सीमाएँ इस प्रकार हैं: उत्तर में सबेटाइन पहाड़ियाँ, पूर्व में सैबीनी पर्वत, दक्षिण में अलबान पहाड़ियाँ और पश्चिम में टाइरीनियन सागर। यह ज्वालामुखीय लावा से निर्मित एक मैदानी प्रदेश है। इसका अधिकांश भाग घास से ढका है। समुद्रतट की ओर का भाग ढालुआँ है। समुद्रतल से इसकी अधिकतम ऊँचाई 23० फुट है। टाइबर और उसकी सहायक ऐनियन इस प्रदेश की मुख्य नदियाँ हैं। यहाँ की झीलों की उत्पत्ति मुख्यत: ज्वालामुखीय है, जैसे रेजिलस, आलबानों और नेमी। ये परिमृत ज्वालमुखियों के मुख में जल भर जाने से बन गई हैं। इस क्षेत्र के पूर्वी भाग में, विशेषकर रोम और टिवाली नगरों के गीच, गंधक के सोते हैं जिनमें खौलता हुआ जल जमीन के अंदर से निरंतर निकलता रहता है। इस भाग में स्थित सोलफ़ाटरा झील का निर्माण इसी जल के संचयन से हुआ है। जमीन में से उठती हुई गंधक इत्यादि की वाष्प से भरा इस प्रदेश का वातावरण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
+
कंपाना दी रोमा इटली के रोम नगर का समीपवर्ती क्षेत्र। यह क्षेत्रफल में लगभग 800 वर्ग मील है। रोम नगर की स्थिति इसके लगभग मध्य में है। इस क्षेत्र की सीमाएँ पूर्णत: निर्धारित नहीं की जा सकी हैं। वर्तमान मानचित्र रचयिताओं के अनुसार सीमाएँ इस प्रकार हैं: उत्तर में सबेटाइन पहाड़ियाँ, पूर्व में सैबीनी पर्वत, दक्षिण में अलबान पहाड़ियाँ और पश्चिम में टाइरीनियन सागर। यह ज्वालामुखीय लावा से निर्मित एक मैदानी प्रदेश है। इसका अधिकांश भाग घास से ढका है। समुद्रतट की ओर का भाग ढालुआँ है। समुद्रतल से इसकी अधिकतम ऊँचाई 230 फुट है। टाइबर और उसकी सहायक ऐनियन इस प्रदेश की मुख्य नदियाँ हैं। यहाँ की झीलों की उत्पत्ति मुख्यत: ज्वालामुखीय है, जैसे रेजिलस, आलबानों और नेमी। ये परिमृत ज्वालमुखियों के मुख में जल भर जाने से बन गई हैं। इस क्षेत्र के पूर्वी भाग में, विशेषकर रोम और टिवाली नगरों के गीच, गंधक के सोते हैं जिनमें खौलता हुआ जल जमीन के अंदर से निरंतर निकलता रहता है। इस भाग में स्थित सोलफ़ाटरा झील का निर्माण इसी जल के संचयन से हुआ है। जमीन में से उठती हुई गंधक इत्यादि की वाष्प से भरा इस प्रदेश का वातावरण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
  
 
कंपाना क्षेत्र में सिंचाई द्वारा दाल, फल, अनाज और शाक का उत्पादन होता है परंतु अधिकांश भूमि चरागाह के रूप में प्रयुक्त होती है। कुछ समय पूर्व से देश की सरकार कंपाना क्षेत्र में दक्षिणी भाग में स्थित पांटाईन की दलदली भूमि के सुधार में संलग्न है।
 
कंपाना क्षेत्र में सिंचाई द्वारा दाल, फल, अनाज और शाक का उत्पादन होता है परंतु अधिकांश भूमि चरागाह के रूप में प्रयुक्त होती है। कुछ समय पूर्व से देश की सरकार कंपाना क्षेत्र में दक्षिणी भाग में स्थित पांटाईन की दलदली भूमि के सुधार में संलग्न है।

१३:०७, २८ जनवरी २०१४ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
लेख सूचना
कंपाना दी रोमा
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पृष्ठ संख्या 350
भाषा हिन्दी देवनागरी
लेखक रधिकानारायण माथुर
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1975 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी

कंपाना दी रोमा इटली के रोम नगर का समीपवर्ती क्षेत्र। यह क्षेत्रफल में लगभग 800 वर्ग मील है। रोम नगर की स्थिति इसके लगभग मध्य में है। इस क्षेत्र की सीमाएँ पूर्णत: निर्धारित नहीं की जा सकी हैं। वर्तमान मानचित्र रचयिताओं के अनुसार सीमाएँ इस प्रकार हैं: उत्तर में सबेटाइन पहाड़ियाँ, पूर्व में सैबीनी पर्वत, दक्षिण में अलबान पहाड़ियाँ और पश्चिम में टाइरीनियन सागर। यह ज्वालामुखीय लावा से निर्मित एक मैदानी प्रदेश है। इसका अधिकांश भाग घास से ढका है। समुद्रतट की ओर का भाग ढालुआँ है। समुद्रतल से इसकी अधिकतम ऊँचाई 230 फुट है। टाइबर और उसकी सहायक ऐनियन इस प्रदेश की मुख्य नदियाँ हैं। यहाँ की झीलों की उत्पत्ति मुख्यत: ज्वालामुखीय है, जैसे रेजिलस, आलबानों और नेमी। ये परिमृत ज्वालमुखियों के मुख में जल भर जाने से बन गई हैं। इस क्षेत्र के पूर्वी भाग में, विशेषकर रोम और टिवाली नगरों के गीच, गंधक के सोते हैं जिनमें खौलता हुआ जल जमीन के अंदर से निरंतर निकलता रहता है। इस भाग में स्थित सोलफ़ाटरा झील का निर्माण इसी जल के संचयन से हुआ है। जमीन में से उठती हुई गंधक इत्यादि की वाष्प से भरा इस प्रदेश का वातावरण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

कंपाना क्षेत्र में सिंचाई द्वारा दाल, फल, अनाज और शाक का उत्पादन होता है परंतु अधिकांश भूमि चरागाह के रूप में प्रयुक्त होती है। कुछ समय पूर्व से देश की सरकार कंपाना क्षेत्र में दक्षिणी भाग में स्थित पांटाईन की दलदली भूमि के सुधार में संलग्न है।

रोम के अलावा इस क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण नगर आलबानो, लेज़ियाले, फ्ऱाज़केटी और टिवाली हैं, जो सब इसकी सीमा पर स्थित हैं; आस्ट्रिया नगर एक समय प्राचीन रोम नगर का बंदरगाह था, परंतु अब ऐतिहासिक महत्व का स्थल मात्र है। समुद्रतट पर स्थित लीदों दी रोमा नगर भी उल्लेखनीय है

टीका टिप्पणी और संदर्भ

“खण्ड 2”, हिन्दी विश्वकोश, 1975 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी, 350।