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*इसकी स्थिति ९° ४´ उ. अ. तथा 1७° 2०´ पू.दे. है।
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*इसकी स्थिति ९° उ. अ. तथा 1७° 2०´ पू.दे. है।
 
*प्रारंभ से ही यह कस्बा अपने हथकरघा उद्योग के लिए जनपद में प्रसिद्ध रहा है।  
 
*प्रारंभ से ही यह कस्बा अपने हथकरघा उद्योग के लिए जनपद में प्रसिद्ध रहा है।  
 
*यहाँ कपड़ा बुनने का काम जुलाहों द्वारा होता है।  
 
*यहाँ कपड़ा बुनने का काम जुलाहों द्वारा होता है।  

०७:३०, १८ अगस्त २०११ का अवतरण

लेख सूचना
कदपानत्लूरुह
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 2
पृष्ठ संख्या 385
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1975 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
लेख सम्पादक बच्चाप्रसाद राव
  • कदपानत्लूरुह तमिलनाडु राज्य में, तिनेवेली जिले के तेनकासी ताल्लुके का एक प्रमुख कस्बा है।
  • इसकी स्थिति ९° 4´ उ. अ. तथा 1७° 2०´ पू.दे. है।
  • प्रारंभ से ही यह कस्बा अपने हथकरघा उद्योग के लिए जनपद में प्रसिद्ध रहा है।
  • यहाँ कपड़ा बुनने का काम जुलाहों द्वारा होता है।
  • पहले इस कस्बे का प्रबंध एक पंचायत संघ द्वारा होता था।
  • परंतु अब एक छोटी नगरपालिका इसका स्वायत्त शासन देखती है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ