कुत्स

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ११:२२, २१ अगस्त २०११ का अवतरण (Adding category Category:पौराणिक कोश (Redirect Category:पौराणिक कोश resolved) (को हटा दिया गया हैं।))
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
  • कुत्स ऋग्वेद में उल्लिखित आर्जुनेय कुत्स। इनका नाम अनेक बार आया है। इन्होंने सुष्ण दानव को पराजित करने में इंद्र की सहायता की थी। इनकी वीरता के उल्लेख भी प्राप्त होते हैं। इन्होंने तुग्न, वेतसु आदि को पराजित किया था। स्वयं इनके पराजय का भी वर्णन प्राप्त होता है (ऋ १-५३-१०)। इंद्र ने भी इन्हें अतिथिग्व तथा आयु के साथ पराजित किया था। ब्राह्मण ग्रंथों में भी इनका उल्लेख इंद्र के साथ किया गया है। [१]
  • पंचविंश ब्राह्मण में (१४-६-६) उल्लिखित कुत्स औरव। इन्होंने अपने पुरोहित उपगु सौश्रवस का वध कर दिया था। संभवत: इन्हीं के पुत्र कौत्सजिन का उल्लेख शतपथ ब्राह्मण १०-६-५-९ तथा बृहदारण्यक उपनिषद् ६-४-५ में हुआ है। कदाचित्‌ इन्हीं को जनमेजय के नागयज्ञ का उद्गाता बनाया गया था (म. भा., आदि. ५३-६); और इन्हीं को राजर्षि भगीरथ ने अपनी कन्या हंसी का दान किया था जिससे वे अक्षयलोक को प्राप्त हुए। [२]
  • चाक्षुष मनु के पुत्र थे।[३]
  • भार्गव गोत्रकार जिनका उल्लेख मत्स्य पुराण में हुआ है (म.१९५-२२)।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पंचविंश ब्रा० ९-२-२८
  2. वही, अनु. १३७-२६
  3. भाग. पु. ४-१३-१६