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*कृष्णराजसागर मैसूर नगर से १२ मील उत्तरपश्चिम में एक कृत्रिम जलाशय (क्षेत्रफल ४९ १/२ वर्गमील) है।  
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*कृष्णराजसागर झील मैसूर नगर से १२ मील उत्तरपश्चिम में एक कृत्रिम जलाशय (क्षेत्रफल ४९ १/२ वर्गमील) है।  
 
*इस जलाशय का निर्माण कावेरी नदी पर १२४ फुट ऊँचा तथा १,३१४ फुट लंबा बाँध बाँधकर किया गया है।  
 
*इस जलाशय का निर्माण कावेरी नदी पर १२४ फुट ऊँचा तथा १,३१४ फुट लंबा बाँध बाँधकर किया गया है।  
 
*इसमें कावेरी, हेमावती तथा लक्ष्मणरतीर्था नदियाँ गिरती हैं, जिनसे निकाली गई कई नहरें जलाशय के आसपास की ९२,००० एकड़ भूमि की सिंचाई के लिये उपयोगी है।
 
*इसमें कावेरी, हेमावती तथा लक्ष्मणरतीर्था नदियाँ गिरती हैं, जिनसे निकाली गई कई नहरें जलाशय के आसपास की ९२,००० एकड़ भूमि की सिंचाई के लिये उपयोगी है।

१०:५८, २४ जुलाई २०१५ का अवतरण

  • कृष्णराजसागर झील मैसूर नगर से १२ मील उत्तरपश्चिम में एक कृत्रिम जलाशय (क्षेत्रफल ४९ १/२ वर्गमील) है।
  • इस जलाशय का निर्माण कावेरी नदी पर १२४ फुट ऊँचा तथा १,३१४ फुट लंबा बाँध बाँधकर किया गया है।
  • इसमें कावेरी, हेमावती तथा लक्ष्मणरतीर्था नदियाँ गिरती हैं, जिनसे निकाली गई कई नहरें जलाशय के आसपास की ९२,००० एकड़ भूमि की सिंचाई के लिये उपयोगी है।
  • कृष्णराजसागर बाँध पर जलविद्युत्‌ भी उत्पन्न की जाती है और इसी से बंगलोर नगर को पानी पहुँचाया जाता है।
  • इसके पास कावेरी नदी के बाएँ तट पर वृंदावन नामक वाटिका है जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
  • जिस स्थान पर कावेरी नदी जलाशय में प्रेवश करती हैं यहाँ कृष्णराजनगर नामक छोटा कस्बा है जो मिट्टी के सुंदर बर्तनों के गृहउद्योग के लिये प्रसिद्ध है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ