"कृष्णराजसागर झील" के अवतरणों में अंतर

अद्‌भुत भारत की खोज
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के ३ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति १: पंक्ति १:
*कृष्णराजसागर मैसूर नगर से १२ मील उत्तरपश्चिम में एक कृत्रिम जलाशय (क्षेत्रफल ४९ १/२ वर्गमील) है।  
+
{{भारतकोश पर बने लेख}}
 +
*कृष्णराजसागर झील मैसूर नगर से १२ मील उत्तरपश्चिम में एक कृत्रिम जलाशय (क्षेत्रफल ४९ १/२ वर्गमील) है।  
 
*इस जलाशय का निर्माण कावेरी नदी पर १२४ फुट ऊँचा तथा १,३१४ फुट लंबा बाँध बाँधकर किया गया है।  
 
*इस जलाशय का निर्माण कावेरी नदी पर १२४ फुट ऊँचा तथा १,३१४ फुट लंबा बाँध बाँधकर किया गया है।  
 
*इसमें कावेरी, हेमावती तथा लक्ष्मणरतीर्था नदियाँ गिरती हैं, जिनसे निकाली गई कई नहरें जलाशय के आसपास की ९२,००० एकड़ भूमि की सिंचाई के लिये उपयोगी है।
 
*इसमें कावेरी, हेमावती तथा लक्ष्मणरतीर्था नदियाँ गिरती हैं, जिनसे निकाली गई कई नहरें जलाशय के आसपास की ९२,००० एकड़ भूमि की सिंचाई के लिये उपयोगी है।

११:०२, २४ जुलाई २०१५ के समय का अवतरण

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • कृष्णराजसागर झील मैसूर नगर से १२ मील उत्तरपश्चिम में एक कृत्रिम जलाशय (क्षेत्रफल ४९ १/२ वर्गमील) है।
  • इस जलाशय का निर्माण कावेरी नदी पर १२४ फुट ऊँचा तथा १,३१४ फुट लंबा बाँध बाँधकर किया गया है।
  • इसमें कावेरी, हेमावती तथा लक्ष्मणरतीर्था नदियाँ गिरती हैं, जिनसे निकाली गई कई नहरें जलाशय के आसपास की ९२,००० एकड़ भूमि की सिंचाई के लिये उपयोगी है।
  • कृष्णराजसागर बाँध पर जलविद्युत्‌ भी उत्पन्न की जाती है और इसी से बंगलोर नगर को पानी पहुँचाया जाता है।
  • इसके पास कावेरी नदी के बाएँ तट पर वृंदावन नामक वाटिका है जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
  • जिस स्थान पर कावेरी नदी जलाशय में प्रेवश करती हैं यहाँ कृष्णराजनगर नामक छोटा कस्बा है जो मिट्टी के सुंदर बर्तनों के गृहउद्योग के लिये प्रसिद्ध है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ