क्लिंजर

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ११:५९, १४ फ़रवरी २०१७ का अवतरण ('{{लेख सूचना |पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3 |पृष्ठ स...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
लेख सूचना
क्लिंजर
पुस्तक नाम हिन्दी विश्वकोश खण्ड 3
पृष्ठ संख्या 237
भाषा हिन्दी देवनागरी
संपादक सुधाकर पांडेय
प्रकाशक नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
मुद्रक नागरी मुद्रण वाराणसी
संस्करण सन्‌ 1976 ईसवी
उपलब्ध भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
कॉपीराइट सूचना भाऊ समर्थ
लेख सम्पादक परमेश्वरीलाल गुप्त

क्लिंजर (1857-1920) चित्रकला, शिल्पकला और एचिंग (खुदाई) कला में निष्णात्‌ जर्मन कलाकार। इसका जन्म लाइपत्सिग में एक व्यापारी के घर हुआ था। सन्‌ 1874 में कार्लस्रुन में कला के अध्ययन अभ्यास का श्रीगणेश किया। सन्‌ 1878 में इनकी कला तथा हस्तकौशल की कटु आलोचना हुई। मूर्खतापूर्ण अनावश्यक शंकाएँ उपस्थित कर कुछ काल तक इनकी कला पर प्रतिबंध लगाया गया था। अंतत: बर्लिन की नैशनल गैलरी में इनके चित्रों को स्थान मिला। बाइबिल और पौराणिक विषयों से संबंधित इनकी त्रासात्मक कलाकृतियाँ लाइपत्सिग युनिवर्सिटी तथा म्यूज़ियम के लिये विशेष रूप से बनाई गई थी।




टीका टिप्पणी और संदर्भ