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*जैल पूर्वी अफ्रीका के ब्रिटिश सोमालीलैंड में अदन की खाड़ी पर अदन से 1२५ मील दक्षिण-पश्चिम स्थित नगर है।  
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*जैल पूर्वी अफ्रीका के ब्रिटिश सोमालीलैंड में अदन की खाड़ी पर अदन से 12५ मील दक्षिण-पश्चिम स्थित नगर है।  
 
*इसके प्राय: तीन ओर जल तथा एक ओर ५० मील लंबा मरुस्थल है।  
 
*इसके प्राय: तीन ओर जल तथा एक ओर ५० मील लंबा मरुस्थल है।  
 
*प्राचीन काल में इसका व्यापारिक महत्व अधिक था।  
 
*प्राचीन काल में इसका व्यापारिक महत्व अधिक था।  
*1९०२ ई. में दिर दावा और जिबुती रेलमार्ग के निर्माण से इसका व्यापारिक महत्व घट गया है, पर अब भी आयात का 1० प्रति शत तथा निर्यात का 1५ प्रति शत व्यापार यहाँ से होता है।  
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*1९०2 ई. में दिर दावा और जिबुती रेलमार्ग के निर्माण से इसका व्यापारिक महत्व घट गया है, पर अब भी आयात का 1० प्रति शत तथा निर्यात का 1५ प्रति शत व्यापार यहाँ से होता है।  
 
*द्वितीय विश्वयुद्ध में यह इटली वालों के आधिपत्य में आ गया था, पर 1९४५ ई. में पुन: अंग्रेजों का अधिकार हो गया। पिछली जनगणना में जनसंख्या लगभग ५,००० थी
 
*द्वितीय विश्वयुद्ध में यह इटली वालों के आधिपत्य में आ गया था, पर 1९४५ ई. में पुन: अंग्रेजों का अधिकार हो गया। पिछली जनगणना में जनसंख्या लगभग ५,००० थी
  

०७:०५, १८ अगस्त २०११ का अवतरण

  • जैल पूर्वी अफ्रीका के ब्रिटिश सोमालीलैंड में अदन की खाड़ी पर अदन से 12५ मील दक्षिण-पश्चिम स्थित नगर है।
  • इसके प्राय: तीन ओर जल तथा एक ओर ५० मील लंबा मरुस्थल है।
  • प्राचीन काल में इसका व्यापारिक महत्व अधिक था।
  • 1९०2 ई. में दिर दावा और जिबुती रेलमार्ग के निर्माण से इसका व्यापारिक महत्व घट गया है, पर अब भी आयात का 1० प्रति शत तथा निर्यात का 1५ प्रति शत व्यापार यहाँ से होता है।
  • द्वितीय विश्वयुद्ध में यह इटली वालों के आधिपत्य में आ गया था, पर 1९४५ ई. में पुन: अंग्रेजों का अधिकार हो गया। पिछली जनगणना में जनसंख्या लगभग ५,००० थी

टीका टिप्पणी और संदर्भ