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'''त्रिवेनी''' नहर [[भारत]] में [[बिहार]] के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के चंपारन जिले में सिंचाई करने के लिये बनाई गई नहर है, जो गंडक नदी के बाएँ तट से निकाली गई है। यह प्रणाली दक्षिण-पूर्व में 62  मील तक गई है। 1909 ईo में इसे प्रारंभ किया गया था। पहले उपर्युक्त क्षेत्र शुषक था, लेकिन इस नहर के कारण अब धान, गेहूँ, जौ, गन्ने आदि की कृषि यहाँ की जाने लगी है।  
 
'''त्रिवेनी''' नहर [[भारत]] में [[बिहार]] के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के चंपारन जिले में सिंचाई करने के लिये बनाई गई नहर है, जो गंडक नदी के बाएँ तट से निकाली गई है। यह प्रणाली दक्षिण-पूर्व में 62  मील तक गई है। 1909 ईo में इसे प्रारंभ किया गया था। पहले उपर्युक्त क्षेत्र शुषक था, लेकिन इस नहर के कारण अब धान, गेहूँ, जौ, गन्ने आदि की कृषि यहाँ की जाने लगी है।  
  

११:५९, ७ अगस्त २०१५ के समय का अवतरण

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त्रिवेनी नहर भारत में बिहार के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के चंपारन जिले में सिंचाई करने के लिये बनाई गई नहर है, जो गंडक नदी के बाएँ तट से निकाली गई है। यह प्रणाली दक्षिण-पूर्व में 62 मील तक गई है। 1909 ईo में इसे प्रारंभ किया गया था। पहले उपर्युक्त क्षेत्र शुषक था, लेकिन इस नहर के कारण अब धान, गेहूँ, जौ, गन्ने आदि की कृषि यहाँ की जाने लगी है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ